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इस शहर में 23 लाख की लागत से बन रहा भारत का पहला 3D Printed पोस्ट ऑफिस, जानें कब से होगा शुरू

भारत में बनाकर तैयार हो गया भारत का पहला 3D Printed पोस्ट ऑफिस. इसके निर्माण में कुल 23 लाख रुपए का खर्च आया है. कमाल की बात है कि, इसमें कोई कोई जोड़ नहीं दिया

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इस शहर में 23 लाख की लागत से बन रहा भारत का पहला 3D Printed पोस्ट ऑफिस, जानें कब से होगा शुरू

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भारत में भारत का पहला 3D Printed पोस्ट ऑफिस बनकर तैयार हो गया है. भारत में डाक घर का एक बड़ा इतिहास है जो पिछले कई वर्षों से सूचना पहुंचाने का एक बड़ा सरल माध्यम है. वैसे तो भारत में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग जिलों के अलग-अलग शहर के महलों में पोस्ट ऑफिस खोले गए हैं. पोस्ट ऑफिस फेमस भी है इसमें कुछ पानी में तैरते हुए लेकिन अब भारत में एक ऐसा पोस्ट ऑफिस बनाया जा रहा है. जिसमें 3D कंक्रीट प्रिंटिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने किया है. उद्घाटन का एक वीडियो उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा किया पोस्ट ऑफिस कर्नाटक के बेंगलुरु के कैंब्रिज लेआउट क्षेत्र में खोला जा रहा है. अच्छी बात यह है कि इस पोस्ट ऑफिस को डेडलाइन से पहले ही बना कर तैयार कर लिया गया है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव में ट्विटर पर शेयर करते हुए पोस्ट के कैप्शन में लिखा कि इस डाकघर के निर्माण के लिए 45 दिन का समय लिया गया था. लेकिन इसे 42 दिन में ही बना कर तैयार कर दिया गया है. इस पोस्ट ऑफिस को बनाने का जिम्मा लार्सन एंड ट्रबल लिमिटेड और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास ने लिया था.

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कैसा होगा यह नया डाकघर ?

दरअसल अब तक जितने भी डाकघर बनाए गए हैं. उन्हें वर्कर अपने हाथों से तैयार किए है. लेकिन इस डाकघर को बनाने के लिए मशीन का इस्तेमाल किया गया है और 3D कंक्रीट प्रिंटिंग का भी इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा इस डाकघर में स्वचालित रोबोटिक पेंटर का भी इस्तेमाल किया गया है जो फेकेड डिजाइन को और आकर्षक बनाता है. वहीं निर्माणाधीन कंपनी ने इसे और मजबूती देने के लिए इसमें कई तरह के कंक्रीट का इस्तेमाल किया है ताकि इसके लिए एक दूसरे से मजबूती से जुड़े रहे. इस पोस्ट ऑफिस के निर्माण में कुल 23 लख रुपए का खर्च आया है.

आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर ने तकनीकी सहायता से की मदद

आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर मनु संथानम ने इस ऑफिस की 3D प्रिंटिंग के लिए L and T टेक्नोलॉजी की सहायता दी है. उन्होंने कहा कि इस डाकघर में किसी भी प्रकार का कोई वर्टिकल जोर नहीं दिया गया है, यानी कि किसी भी तरीका कोई कॉलम नहीं बनाया गया है. IIT मद्रास के प्रोफेसर ने कहा कि इस डाकघर के निर्माण में जो 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की गई है वह डेनमार्क से लाई गई है. यह डाकघर डिजाइन के मामले में भी काफी अलग है.

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Vivek Yadav
Vivek Yadavhttps://bloggistan.com
विवेक यादव डिजिटल मीडिया में पिछले 2 सालों से काम कर रहे हैं. Bloggistan में विवेक बतौर सब एडिटर कार्यरत हैं. इससे पहले`द बेगुसराय' के साथ इन्होंने अपनी पारी खेली है. ऑटो और टेक पर लिखने में इनकी विशेष रुचि है. इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई की है.

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