Smartphone Tips: आजकल हर व्यक्ति स्मार्टफोन का इस्तेमाल करता है. स्मार्टफोन (Smartphone) के जहां अपने बहुत फायदे हैं तो दूसरी तरफ कुछ नुकसान भी हैं. और इन नुकसानों में से एक है स्मार्टफोन की ब्राइटनेस. अगर यह ब्राइटनेस (Brightness) ज्यादा होती है तब भी यूज़र की आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और अगर कम भी होती है तब भी आंखों को नुकसान होता है. इसलिए आज हम आपको ऐसी ही कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां बताने जा रहे हैं जिनका पालन करके आप आंखों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से बच सकते हैं.तो चलिए पढ़ना कीजिए शुरू.
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इतनी रखें ब्राइटनेस
हमारी आंखों के लिए सही ब्राइटनेस कितनी होनी चाहिए इसकी अगर बात करें तो अगर आप धूप में स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो फोन की ब्राइटनेस 50% तक होनी चाहिए लेकिन अगर आप घर के अंदर जहां पर धूप नहीं है वहां फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ब्राइटनेस का स्तर 30% होना चाहिए. स्मार्टफोन में घर से बाहर जाने पर ब्राइटनेस ऑटोमेटिक सेट होकर बढ़ जाती है. कई बार ऐसा देखा जाता है कि ज्यादा ब्राइटनेस होने से लोगों की आंखों के साथ-साथ उन्हें चक्कर आने भी शुरू हो जाते हैं या सिर में दर्द होना शुरू हो जाता है. इसलिए इन सारी परेशानियों से बचने के लिए ब्राइटनेस के लेवल को सही रखना जरूरी हो जाता है.
रात या अंधेरे में नाइट मोड का करें इस्तेमाल
फोन चलाते समय कोशिश करें कि अपने फोन में नाइट मोड का ज्यादा से ज्यादा करें. नाइट मोड लगाने का फायदा ये होता है कि नाइट मोड में येलो लाइट इफैक्ट होता है. जिसके ऑन होने का साफ मतलब होता है कि डिवाइस से निकलने वाली हानिकारक ब्लू लाइट से आप की आंखें सुरक्षित हैं.
Setting में यहां होता है ब्राइटनेस का ऑप्शन
अगर आपको नहीं पता की ब्राइटनेस कहां से सेट किया जाता है तो आप अपने फोन की सेटिंग में जाकर डिस्प्ले के ऑप्शन में जाएं और वहां जाकर ब्राइटनेस को कम ज्यादा कर सकते हैं.सेफ्टी के लिए ब्लू फिल्टर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.उम्मीद करते हैं ये जानकारी आपको पसंद आई होगी और इसे आप दूसरों के साथ शेयर करेंगे.
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