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Lohri : लोहड़ी मनाने की पीछे की वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप, जानें इसके पीछे की सच्चाई

लोहड़ी एक ऐसा त्यौहार है जिसे पंजाब ही नहीं पूरा उत्तर भारत मनाता है.इस दिन के क्या कहने,बच्चों से लेकर बड़ों तक की चांदी हो जाती है.

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Lohri : लोहड़ी मनाने की पीछे की वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप, जानें इसके पीछे की सच्चाई

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Lohri : लोहड़ी एक ऐसा त्यौहार है जिसे पंजाब ही नहीं पूरा उत्तर भारत मनाता है.इस दिन के क्या कहने,बच्चों से लेकर बड़ों तक की चांदी हो जाती है. काले तिल, गजक, गुड़, मूंगफली के साथ फसल कटाई की रस्म की जाती है. लोहड़ी पंजाब समेत हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू में काफी धूम धाम के साथ मनाई जाती है.

पंजाबियों में इस त्यौहार का काफी महत्व है.पूरे साल पंजाब में इस त्यौहार का इंतजार होता है.इस त्यौहार की रौनक पंजाब में देखते ही बनती है.लोहड़ी को शीतकालीन संक्रांति भी कहते हैं.क्या आप जानते हैं इस दिन पूरे साल का सबसे छोटा दिन होता है और सबसे लंबी रात होती है.

Lohri
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क्या हैं पौराणिक मान्यता

  1. ऐसा माना जाता है कि लोहड़ी और होलिका दोनों बहनें थीं.लोहड़ी एक अच्छी और पवित्र आत्मा थी,वहीं होलिका राक्षसी स्वभाव की थी.होलिका की कहानी आप सब जानते हैं कि जब होलिका प्रहलाद को लेकर आग में बैठी तो वो जलकर खाक हो गई जबकि प्रहलाद बच गया.इसके बाद से लोहड़ी की पंजाब में पूजा होने लगी.ऐसा माना जाता है कि उन्हीं के नाम से इस पर्व की शुरुआत हुई.

2. वहीं ऐसा भी कहते हैं कि लोहड़ी का पर्व माता सती से जुड़ा है.माता सती जब अपने पिता दक्ष के घर बिना बुलाए गईं थीं.उनके पिता ने भगवान शिव और उनका अपमान किया.इस बात से माता सती इतनी दुखी हो गईं कि, उन्होंने खुद को यज्ञ में समाहित कर लिया.दक्ष के घमंड को तोड़ते हुए भगवान शिव ने उनका सिर धड़ सिर से अलग कर दिया.लेकिन बाद में उनकी पत्नी और सभी देवताओं के कहने पर भगवान शिव ने उन्हें बकरे का सिर प्रदान किया.वहीं इसके बाद माता सती ने पार्वती के रूप में जन्म लिया.तब माता पार्वती की ससुराल में लोहड़ी के अवसर पर दक्ष ने उपहार भेजकर क्षमा मांगी.ऐसा माना जाता है तब से ही इस मौके पर नई शादी शुदा लड़कियों को मायके से उपहार भेजने की परंपरा शुरू हुई.

3. पंजाब में लोहड़ी को लोही कहते हैं. लोही सिख धर्म के महत्वपूर्ण संत कबीर की पत्नी थीं. पंजाब में रॉबिनहुड दुल्ला भट्टी को श्रद्धांजलि देने के लिए लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाता है. ये लड़कियों को गुलामों के बाजार में बिकने से बचाते थे.

4. लोहड़ी के दिन से नए वित्तीय साल की शुरुआत होती है. जिसे आप सब माघी के नाम से जानते हैं.नए वित्तीय साल को खेती के मौसम की शुरुआत के रूप में देखा जाता है.ऐसा माना जाता है कि इस दिन से सर्दियां कम होने लगती हैं. लोहड़ी के दिन गुड़ और गजक का भी काफी महत्व है. लोहड़ी के त्यौहार में मनाई जाने वाली गन्ने की फसल से गुड़ और गजक जैसे स्वाद वाली चीजें बनाई जाती हैं.

5. लोहड़ी के दिन पंजाब की कुछ जगहों में अलाव तैयार करने के लिए गाय के गोबर और लकड़ियों का इस्तेमाल होता है.रात में लोग इसके आसपास इक्ट्ठा होकर तिल, बीज, अनाज को इसमें डालते हैं.इस दौरान आदर ऐ दिलेर जय” का जाप किया जाता है.

6. लोहड़ी का त्यौहार सर्दियों में मनाया जाता है.इस दिन मक्के की रोटी और सरसों के साग का अपना ही आनंद है.इसे ताजे घी या फिर सफेद मक्खन के साथ दिया जाता है.इस दिन के लिए ये खाना बेस्ट होता है.इस दिन पंजाब और हरियाणा में कई जगह खास तरह के मेले का आयोजन किया जाता है जो लोगों को एक दूसरे से जोड़ता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं.

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Parul Tiwari Shukla
Parul Tiwari Shuklahttps://bloggistan.com
पारुल तिवारी शुक्ला Bloggistan में कंटेंट राइटर हैं. पारुल को ज़ी मीडिया समेत कई संस्थानों में काम करने का 12 साल का अनुभव है.वो अलग अलग चैनलों में रनडाउन प्रोड्यूसर के साथ कई शो की जिम्मेदारी लंबे समय तक संभाल चुकी हैं.इनकी पॉलिटिक्स, स्पोर्ट्स, हेल्थ, लाइफस्टाइल, एंटरटेनमेंट विषयों पर अच्छी पकड़ है. वो लाइफस्टाइल और सियासी जगत से जुड़ी कई बेहतरीन स्टोरी कर चुकी हैं. मूल रूप से यूपी के उन्नाव की रहने वाली पारुल ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से 2008 में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया है.

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