Chaupadi Tradition:हर महीने महिलाओं को पीरियड्स (Periods) से गुजरना पड़ता है यह एक नैचुरल प्रक्रिया है लेकिन इसके बावजूद इससे जुड़े कई अंधविश्वास (Blind faith) है. इन्हीं में से एक है नेपाल की चौपाड़ी प्रथा तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-
क्या है नेपाल की चौपाड़ी प्रथा (Chaupadi Tradition) ?
नेपाल में पीरियड्स से जुड़ी चौपाड़ी प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके तहत लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान पूरी तरह से आइसोलेट कर दिया जाता है और जानवरों की तरह किसी झोपड़ी या बाड़े में रखा जाता है. नेपाल में इस प्रथा को “चौपड़ी”, “चौकुल्ला”, “चौकुड़ी”, छुए और बहिरहुनु के नाम से भी जाना जाता है.
![Chaupadi Tradition](https://www.bloggistan.com/wp-content/uploads/2023/01/woman-clutching-stomach-hurt-colon-today-main-190312-300x150.jpg)
पीरियड्स से जुड़ी इस प्रथा को अंधविश्वास माना जा सकता है जिसके तहत महिलाओं को पीरियड्स के दौरान किसी से भी मिलने की मनाही होती है तो वहीं पर भगवान की मूर्तियों को छूने और पुरुषों से दूरी बनाकर रखने को कहा जाता है. नेपाल में महिलाओं को पीरियड्स को लेकर मान्यता है कि भगवान इंद्र ने महिलाओं को श्राप देने के लिये पीरियड्स का निर्माण किया था जिसके चलते महिलाओं को इस दौरान अशुद्ध माना जाता है.
नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने साल 2005 में इस प्रथा पर बैन लगा दिया था और साल 2017 में पारित हुए कानून के जरिये महिला के साथ इस प्रथा को मजबूर करने वाले को 3 महीने की जेल और 3000 नेपाली रूपये का जुर्माना लगाने की सजा तय कर दी है. आपको बता दें कि नेपाल की चौपाड़ी प्रथा की तरह ही भारत में भी कुछ ऐसी रस्में है जो इससे मिलती जुलती है. तमिलनाडु में इस रिवाज को ‘मंजल निरातु विज़ा’ तो असम में ‘तुलोनिया बिया’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें लड़कियों को करीब 7 दिन तक अलग करके रखा जाता था.
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