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Indian Railways: स्टेशनों पर पीले रंग के बोर्ड पर ही क्यों लिखा होता है स्टेशन का नाम,जानें रोचक कारण

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Indian Railways: भारतीय रेलवे कि लगभग 13000 ट्रेनों के द्वारा प्रतिदिन लाखों यात्री सफर करते हैं भारतीय रेलवे को दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क माना जाता है जब आप यात्रा करते होंगे तो अक्सर देखे होंगे कि रास्ते में जो स्टेशन पड़ते हैं उन स्टेशनों पर स्टेशन का नाम जिस साइन बोर्ड पर लिखा हुआ होता है,उसका कलर पीला क्यों होता है,आज हम इसके बारे में आपको रोचक जानकारी देने वाले हैं.

रेलवे स्टेशन पर इसलिए पीले कलर का होता है साइन बोर्ड

आंकड़े के मुताबिक भारत में छोटे- बड़े रेलवे स्टेशनों की संख्या 7000 है. इन स्टेशनों पर लगे हुए साइन बोर्ड आपको पीले कलर के ही दिखेंगे कोई दूसरा कलर नहीं दिखेगा. साइन बोर्ड पीले कलर इसलिए लगाए जाते हैं कि यात्रियों और ट्रेन के लोको पायलट को यह कलर दूर से ही दिख जाते हैं.पीले कलर के बैकग्राउंड में ब्लैक कलर से लिखा हुआ स्टेशन का नाम काफी साफ दूर से दिख जाता है.

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पीले कलर के पीछे वैज्ञानिक कारण

वहीं पीले कलर के पीछे वैज्ञानिक कारण की बात करें,पीले कलर की वेवलेंथ 570 से 590 नैनोमीटर होती है और इसका लेटरल पेरीफेरल विजन रेड कलर से 1.24 गुना ज्यादा होता है. इसलिए पीले कलर के साइन बोर्ड रेलवे स्टेशनों पर लगाए जाते हैं.

मथुरा है सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन

मथुरा देश का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन है.उत्तर मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले इस जंक्शन के द्वारा 7 अलग-अलग रूटों के लिए ट्रेनें गुजरती हैं. इस जंक्शन पर कुल 7 प्लेटफार्म बनाए गए हैं. मथुरा जंक्शन के पर पहली बार 1875 में ट्रेन चलाई गई थी.जानकारी के मुताबिक मथुरा रेलवे जंक्शन देश के उन रेलवे स्टेशनों में से एक है जो सबसे ज्यादा रेलवे टिकट की बुकिंग करते हैं. रेलवे स्टेशन के द्वारा पूर्व पश्चिम उत्तर दक्षिण यानी देश के चारों कोनों के लिए ट्रेन पकड़ी जा सकती है.

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