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Bharat NCAP: अब दुनियाभर में भारत की गाड़ियां करेंगी राज, नितिन गडकरी ने शुरू किया भारत में गाड़ियों का Crash Test

Bharat NCAP: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को देश को देश का पहला कैसे टेस्ट प्रोग्राम दुर्घटना भारत एनसीएपी (NCAP) को लॉन्च कर दिया है. इस सिस्टम की मदद से 3.5 टन से अधिक की गाड़ियों के रोड सेफ्टी स्टैंडर्ड में सुधार किया जाएगा. उन्होंने मंच से कहा कि यह ऑटोमोबाइल इंडस्टरीज जगत के अलावा देश की जनता के लिए बड़ी सौगात है. क्योंकि हम इस सिस्टम की मदद से गाड़ियों की सुरक्षा और सुविधा में काफी सुधार कर सकते हैं. आज के समय में देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां वायु प्रदूषण और सड़क दुर्घटना बनी हुई है.

NCAP

क्या होगा एनसीएपी (NCAP) का फायदा?

भारत में भारत का पहला एनसीएपी (NCAP) सेफ्टी असेसमेंट इनीशिएटिव है. इसे इसलिए लागू किया जा रहा है कि पैसेंजर गाड़ियों की सेफ्टी और उनके परफॉर्मेंस पर खास ख्याल रखा जा सके. हालांकि इस भारत के सेफ्टी स्टैंडर्ड के लिए ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, जापान, अमेरिका और लैटिन अमेरिका के तौर पर डिजाइन किया गया है. जिसकी मदद से गाड़ियों की क्रश टेस्टिंग और पॉइंट बेस्ट इवैल्यूएशन किया जाएगा और तब गाड़ियों को स्टार रेटिंग दी जाएगी. जिसमें सबसे अधिक सुरक्षित गाड़ी को फाइव स्टार रेटिंग और सेफ्टी के अलावा क्रैश टेस्ट किया जाएगा. पर अभी तक भारत में NCAP अनिवार्य नहीं किया गया है.

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परफॉर्मेंस के हिसाब से गाड़ियों को मिलेगी रेटिंग

उन्होंने कार्यक्रम में आगे कहा कि, कर निर्माता अपनी मनमर्जी से गाड़ियों को ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री स्टैंडर्ड 197 के मुताबिक टेस्ट करके मार्केट में लॉन्च कर रहे हैं. लेकिन अब उन्हें टेस्ट और उनके प्रदर्शन के मुताबिक स्टार रेटिंग दी जाएगी. दरअसल इस कार्यक्रम के तहत हम कोशिश कर रहे हैं कि ग्राहकों को बाजार में पहले से मौजूद गाड़ियों की दुर्घटना सुरक्षा का आकलन करने का एक मौका मिल सके. क्योंकि आज के समय में हर साल लाखों की संख्या में लोग सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा दे रहे हैं.

देश में हर साल हो रहे इतने हादसे

पिछले दो साल के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2021 में सड़क दुर्घटना में लगभग 1.54 लाख लोगों ने अपनी जान गंवा दी है वहीं 3.84 लाख लोग घायल भी हुए हैं. जबकि 2020 में 1.31 लाख लोगों की मौत सड़क दुर्घटान में हुई और 3.49 लाख लोग घायल भी हुए थे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लगातार बढ़ रहे इस मामले को रोकने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं. इसीलिए कर बनाने वाली कंपनियां से भी कहा गया कि बढ़ रही मांग के मुताबिक सेफ्टी वाली कर को मार्केट में लॉन्च करें.

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