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COPD: भूल कर भी न करे ये गलतियां,वरना आपकी एक गलती मौत के मुंह में ले जा सकती है

COPD

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COPD: क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) एक ऐसी लंग डिजीज(बीमारी) है जो फेफड़ों से वायु के प्रवाह को बाधित करती हैं.इसके प्रमुख लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, खासकर शारीरिक गतिविधियों के दौरान,घरघराहट,सीने में जकड़न , पुरानी खांसी जो बलगम (थूक) का उत्पादन कर सकती है जो स्पष्ट, सफेद, पीले या हरे रंग का हो सकता है,बार-बार श्वसन संक्रमण,शक्ति की कमी,अनपेक्षित वजन घटाने, पैरों में सूजन शामिल हैं।

यह आम तौर पर सिगरेट के धुएं से परेशान गैसों या कण पदार्थ के लंबे समय तक संपर्क के कारण होता है। सीओपीडी वाले लोगों में हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर और कई अन्य स्थितियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।


हर साल भारत में COPD के 10 मिलियन से भी अधिक मरीज इस बीमारी का शिकार होते हैं. बता दे कि इस समस्या के दौरान फेफड़ों के वायुमार्ग सिकुड़ जाते हैं, जिस वजह से सांस लेने में परेशानी आती है. ऐसा होने पर शरीर के अंदर से कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकल पाती.लंबे समय तक बिना डॉक्टर का सलाह लिए दवा खाते रहना बहुत भारी पर सकता है, इसलिए COPD के लक्षणों का सही समय पर पता लगा लिया जाए तो इस मारी से निजात पाया जा सकता है. COPD की समस्या से पीड़ित लोगों में हृदय संबंधित बीमारियों, फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों खतरा काफी ज्यादा पाया जाता है.


पुरुषों की तुलना में महिलाओं में इस बीमारी के विकसित होने की संभावना अधिक होती है. पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के फेफड़े छोटे होते हैं और वह सिगरेट या अन्य तरह के धुएं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. फेफड़ों से संबंधित बीमारियों को बढ़ाने में एस्ट्रोजन भी एक भूमिका निभाता है. दवाइयों, ऑक्सीजन थरपा आदि से इस बीमारी से निजात पाया जा सकता हैं.


COPD के लक्षण(COPD Symptoms):


जब भी आपको सुखी खासी, कफ अधिक बढ़ने लगे तो इसे इग्नोर करने के बजाय तुरंत डॉक्टर से इलाज कराए, वरना आपकी एक गलती मौत का कारण बन सकती है, आमतौर पर सीओपीडी के लक्षण तब ही दिखते हैं जब फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है. अगर कोई लगातार धुएं के संपर्क में रहता है तो समय के साथ यह समस्या और भी ज्यादा बढ़ने लगती है. COPD की समस्या से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि आप समय रहते के संकेतों को पहचाने ताकि इस बीमारी का किया जा सके.


क्रॉनिक कफ:


सीओपीडी का एक मुख्य लक्षण लंबे समय से खांसी या कफ का होना है. सीओपीडी की समस्या होने पर व्यक्ति को लगातार पूरे दिन खांसी की समस्या का सामना करना पड़ता है. आमतौर पर, अगर आपको 8 हफ्तों से ज्यादा कफ की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो यह सीओपीडी का शुरुआती लक्षण हो सकता है.

पीला या हरा बलगम:


सीओपीडी का दूसरा मुख्य लक्षण बहुत अधिक बलगम का बनना है. अगर आपके बलगम का रंग पीला या हरा नजर आता है तो यह किसी इंफेक्शन की ओर करता है. इसलिए जल्द ही डॉक्टर की सलाह लेने की कोशिश करे.


सांस लेने में दिक्कत:


सीओपीडी का तीसरा मुख्य लक्षण सांस लेने में दिक्कत का होना है. काफी देर तक चलने के बाद या चढ़ाई चढ़ने के बाद अगर आपको पूरे दिन थकावट महसूस होती है तो यह इस ओर इशारा करता है कि आपके फेफड़े कमजोर हो रहे हैं.


सीओपीडी का मुख्य कारण:


विकसित देशों में सीओपीडी का मुख्य कारण तम्बाकू धूम्रपान है। विकासशील देशों में, सीओपीडी अक्सर खराब हवादार घरों में खाना पकाने और गर्म करने के लिए जलने वाले ईंधन से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने वाले लोगों में होता है.

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