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ChatGPT: चैट जीपीटी कैसे गूगल के लिए बन गया है खतरा,जानें

ChatGPT: कई दशकों से गूगल के वर्चस्व को सर्च इंजन में कोई चुनौती नहीं दे पाया था लेकिन अब जब से माइक्रोसॉफ्ट के आर्टिफिशियल टूल चैट जेनेरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर यानि चैट जीपीटी (ChatGPT) को लॉन्च किया गया है तबसे गूगल में खलबली मच गई है. क्योंकि चैट जीपीटी के आने के बाद में जिस तरीके से यूजर्स द्वारा रिस्पांस दिया जा रहा है वह गूगल को चुनौती देता हुआ नजर आ रहा है.बता दें 30 नवंबर 2022 को चैट जीपीटी को लॉन्च किया गया था.

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रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है की चैट जीपीटी इंसान की तरह काफी हद तक सटीक और त्वरित कंटेंट लिखने में सक्षम है. हालांकि अभी इसमें कुछ खामियां है लेकिन उन खामियों के होने के बावजूद इसे लोगों में कम समय में पसंद किया जाने लगा है. बताया जा रहा है कि जीपीटी चैट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वो बेहतरीन उदाहरण है जिससे आने वाले समय में और बहुत सारी चीजों को स्मार्ट तरीके से पाया जा सकता है. हालांकि जी चैट को लेकर कहा जा रहा है कि जिस तरह से यह आर्टिफिशियल टूल इंसानी दिमाग को जिस तरीके से कॉपी कर रहा है वह भविष्य में लोगों के लिए अच्छा नहीं होगा.

कैसे काम करता है चैट जीपीटी

जिस तरह एक इंसान किसी मुद्दे पर अपनी बात को रखता है और कहता है उसी तरह जीपीटी चैट आपके पूछने पर कई सवालों के लिखित उत्तर को बहुत हद तक सही जवाबों के रूप में देता है.ये चैटबॉट एल्गोरिदम के ज़रिए वाक्य को अच्छे ढंग
संजोकर प्रस्तुत कर देता है. यह चैट चैटबॉट 100 से ज्यादा भाषाओं में उपलब्ध है इसलिए अंदाजा लगाया जा रहा है कि कंटेंट पाने और बनाने के लिए इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होगा. बता दें 2015 में ओपन एआई (OpenAI) कंपनी ने चैटबॉट को बनाना शुरू किया था. फिलहाल आप का मुफ्त में फायदा उठा सकते हैं.

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