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विधानसभा चुनाव में इन सांसदो ने बचाई लाज, तो इनके हिस्से में आई हार, जानें

Results 2023: देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से 4 चार राज्यों के चुनावी परिणान सामने आ गये हैं। बीजेपी कांग्रेस ने पूरे दमखम के साथ इस बार का चुनाव लड़ा जिसके चलते 3 राज्यों में बीजेपी तो वहीं 1 राज्य में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने कांग्रेस को हराकर राज्य की गद्दी पा ली है तो वहीं तेलंगाना कांग्रेस के हिस्से में आई है। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं कि किस पार्टी के कौन कौन से सांसद भी इस बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे थे, और उन्हें जीत मिली या हार

दीया कुमारी

सबसे पहले बात करते हैं सासंद दिया कुमारी की जो राजस्थान के विद्याधर नगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थी। उनके खिलाफ कांग्रेस के कद्दावर नेता सीताराम अग्रवाल थे। दीया कुमारी ने अग्रवाल को 70 हजार से अधिक वोटों से हराया है। जयपुर की राजकुमारी दीया कुमारी महाराजा सवाई सिंह और महारानी पद्मिनी देवी की बेटी हैं। जयपुर शहर की इस सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है।

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राज्यवर्धन सिंह राठौर

झोटवाड़ा सीट राजधानी जयपुर शहर की सबसे हॉट सीट मानी जाती है। यहां साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस के लालचंद कटारिया ने जीत हासिल की थी। इस बार लालचंद कटारिया ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया तो इस बार के चुनाव में यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के अभिषेक चौधरी बनाम भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौर के बीच था। इसमें राज्यवर्धन ने 50 हजार से अधिक वोटों से कांग्रेस के अभिषेक चौधरी को हराया दिया है।

महंत बाबा बालकनाथ

राजस्थान के अलवर की तिजारा सीट से सांसद बाबा बालकनाथ चुनावी मैदान में थे। यह अलवर की सबसे हॉट सीट है। बाब बालकनाथ ने कांग्रेस के इमरान खान को करीब 6 हजार वोटों से हराया है। बाबा बालकनाथ का पहनावा योगी आदित्यनाथ की तरह रहता है। इसलिए उन्हें लोग राजस्थान का योगी भी कहते हैं।

सांसद देव जी पटेल

राजस्थान की जालौर की सांचौर विधानसभा सीट से सांसद देव जी पटेल चुनावी मैदान में थे। इस सीट पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है।

भागीरथ चौधरी

राजस्थान के किशनगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में विकास चौधरी ने जीत दर्ज की थी यहां से बीजेपी प्रत्याशी भागीरथ चौधरी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है।

नरेंद्र कुमार

राजस्थान के झुंझुनू जिले की मंडावा सीट से कांग्रेस की रीता चौधरी ने बीजेपी सांसद नरेंद्र कुमार को करीब 18 हजार वोटों से हराया है। मंडावा विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है।

किरोड़ी लाल मीणा

राजस्थान के सवाई माधोपुर विधानसभा सीट बीजेपी ने यहां से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को मैदान में उतारा था। उन्होंने कांग्रेस के दानिश अबरार को 20 हजार से अधिक बोटों से हराया है।

नरेन्द्र सिंह तोमर
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले का दिमनी विधानसभा क्षेत्र सबसे हॉट सीटों में से एक है। बीजेपी ने यहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मैदान में उतारा था। यह रणनीति सफल रही है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 24 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीत गए हैं।

प्रह्लाद सिंह पटेल

एमपी की नरसिंहपुर विधानसभा सीट पर इस बार सबकी नजर थी, क्योंकि यहां से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल चुनावी मैदान में थे। प्रह्लाद सिंह पटेल पार्टी ने यहां से कांग्रेस प्रत्याशी लाखन सिंह पटेल को 32,095 वोटों के अंतर से चुनाव हराया है।

सतना से भाजपा ने सांसद गणेश सिंह

मध्य प्रदेश के सतना जिले की शहर सीट सांसद गणेश सिंह खबर लिखे जाने तक 3144 वोटों से से पीछे हैं यहां से कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा आगे हैं।

सांसद राकेश सिंह

जबलपुर जिले की जबलपुर पश्चिम सीट भी हॉटसीट मानी जा रही है। यहां से भाजपा ने सांसद राकेश सिंह ने कांग्रेस ने पूर्व मंत्री तरुण भनोत को हरा दिया है।

रेणुका सिंह

केंद्रीय राज्य मंत्री सरगुजा संसदीय सीट से सांसद हैं। रेणुका सिंह इस बार प्रेम नगर सीट से चुनावी मैदान में हैं वो 2003, 2008 में विधायक भी रह चुकी हैं। अब तक रुझानों में वे 4749 वोटों से आगे चल रही हैं।

गोमती साय
गोमती साय रायगढ़ लोकसभा सीट से सांसद हैं। उन्हें भाजपा ने पत्थलगांव विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था। उनका मुकाबला कांग्रेस के रामपुकार सिंह ठाकुर से था। अब तक गोमती 350 वोटों से आगे चल रही हैं।

अरुण साव
अरुण साव बिलासपुर संसदीय सीट से सांसद हैं। साव पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। अरुण साव को लोरमी से चुनाव मैदान में उतारा गया था। बिलासपुर से सांसद होने के कारण साव का प्रभाव कई सीटों पर है, इसलिए उन्हें उम्मीदवार बनाया गया। फिलहाल वे 45 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं।

विजय बघेल
विजय बघेल 2019 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने दुर्ग लोकसभा सीट से चुनाव जीता था। इससे पहले वे तीन बार विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। इस बार पार्टी ने उन्हें चाचा और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सामने मैदान में उतारा था। उन्होंने उन्हें कड़ी टक्कर भी दी। दोनों कई बार एक-दूसरे से आगे भी निकले। अब तक रुझानों के मुताबिक, विजय अपने चाचा से 19 हजार वोट से पीछे चल रहे हैं।

नोट-यह सभी आकडे खबर लिखे जाने तक के हैं।

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