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Subhash Chandra Bose : जानें, सुभाष चंद्र बोस से जुड़े वो अनसुने किस्से, जब पहली बार उन्होंने गांधी जी को कहा ‘राष्ट्रपिता’

Subhash Chandra Bose and Mahatma gandhi

Subhash Chandra Bose and Mahatma gandhi

Subhash Chandra Bose: 23  जनवरी 1897 को महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस का जन्म भारत की धरती पर हुआ. नेताजी को किसी परिचय की जरूरत नहीं.आज पूरा देश नेता जी की जयंती को पराक्रम दिवस(Parakram Diwas) के रूप में मना रहा है. नेताजी(Subhas Chandra Bose) का सफर आपको अपने जीवन के कठिन समय में प्रेरणा देता है.

नेताजी के संदेश लोगों के जेहन में आज भी जिंदा है. उन्होंने अपना सारा जीवन देश के समर्पित कर दिया. लेकिन सुभाषचंद्र बोस से जुड़े कई अनसुने किस्से हैं जन्हें लोग नहीं जानते है. तो आइए नेता जी के जीवन से जुड़े कई रोचक जानकरियों पर नजर डालते हैं.

नेताजी(Subhash Chandra Bose) ने गांधी जी को सबसे पहले कहा राष्ट्रपिता

Subhash Chandra Bose and Mahatma gandhi

क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सबसे पहले राष्ट्रपिता के संबोधन से किसने बुलाया था. वो और कोई नहीं बल्कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे. सुभाष चंद्र बोस ने 6 जुलाई 1944 में सबसे पहले महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था.उन्होंने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा ता. हालांकि तब महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित नहीं किया गया था.

नेताजी(Subhash Chandra Bose) ने ऑस्ट्रियन लड़की से शादी की

Subhash Chandra Bose

नेताजी ने एक ऑस्ट्रियन लड़की से शादी की.1934 में सुभाष चंद्र बोस अपना इलाज ऑस्ट्रिया में करा रहे थे. इस समय उनके मन में विचार आया कि अपनी जीवनी लिखी जाए. इसके लिए उन्हें एक टाइपिस्ट की जरूर थी. उनके एक दोस्त ने ऑस्ट्रिया की एमिली शेंकल को टाइपिस्ट की जगह रखा. इस दौरान दोनों में प्यार हो गया. दोनों ने 1937 को शादी कर ली. सुभाष चंद्र बोस की बेटी भी है जिनका नाम अनीता बोस हैं.

नेता जी मौत एक रहस्य

Subhash Chandra Bose

नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मौत वो अनसुलझा रहस्य है जिसे हर कोई जानना चाहता है. नेता जी की मौत 18 अगस्त 1945 को टोक्यो जाते समय प्लेन क्रैश के दौरान हुई. लेकिन उनका शव कभी बरामद नहीं हुआ. कई बार लोगों ने उनके जिंदा होने के दावे किए.लेकिन कुछ लोगों का ये मानना था कि नेता जी की मौत उस समय प्लेन क्रैश में हो गई थी. तो कुछ लोगों का ये भी मानना है कि अयोध्या में गुमनामी बाबा नाम से मशहूर बाबा कोई और नहीं बल्कि नेता जी ही थे.

‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’

Subhash Chandra Bose

नेता जी ने 1943 में जर्मनी छोड़ी और जापान होते हुए सिंगापुर पहुंचे. यहां उन्होंने कैप्टन मोहन सिंह द्वारा स्थापित आजाद हिंद फौज की कमान संभाली. कमान संभालने के बाद उन्होंने आज हिंद फौज को बहुत ही ज्यादा ताकतवर बना दिया.इतना ही उन्होंने महिलाओं के लिए झांसी रेजिमेंट का स्थापना की. और इसकी कैप्टन उन्होंने लक्ष्मी सहगल को बनाया.

आजाद हिंद फौज के साथ नेताजी 1944 में बर्मी पहुंचे.यहां पर उन्होंने अपना वो नारा दिया ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ जो आज भी लोगों की जुंबा पर है.

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