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Interesting Facts: क्यों होते हैं सभी कंपनियों के ब्लेड एक जैसे? जानें रोचक कारण

Interesting Facts

Blade (Google)

Interesting Facts For Blade: इंसान अपने रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसे कई चीजों का इस्तेमाल करता है, जिनके बिना आपका काम नहीं चल सकता है, या यूं कहें कि इन छोटी छोटी चीजों के इस्तेमाल के बिना मिनटों के काम में घंटो लग सकता है. ऐसी ही एक छोटी सी चीज ब्लेड हैं. इसका इस्तेमाल हम से सभी लोग करते हैं. जैसे – नाखून काटने में, सेविंग करने में, किसी चीज को काटने आदि में.

Blade (Google)

आपने गौर किया होगा कि, सभी कंपनियों के ब्लेड लगभग समान दिखाई देते हैं. अगर ब्लेड पर से कम्पनी के लोगो (LOGO) की प्रिंटिंग को हटा दिया जाए तो सभी ब्लेड लगभग एक जैसे ही होते हैं. आप सबने ब्लेड को अच्छी तरह से देखा होगा और गौर भी किया होगा कि ब्लेड के बीच में एक खाली जगह होता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ब्लड के बीच में खाली जगह क्यों होती हैं? अगर आप इस चीज से आज तक बिलकुल अनजान हैं तो, आज के बाद आप इसे कभी भूल नहीं पाएंगे. तो चलिए जानते हैं इस इंट्रेस्टिंग फैक्ट के बारे में डिटेल.

क्यों होता है ब्लेड के बीच में खाली जगह (Interesting Facts)

19 वीं सदी में ब्लेड से सेविंग का चलन शुरू हुआ था. उस समय सेविंग करने के लिए ब्लेड को बार बार पैना करने की जरूरत होती थी. ऐसे में ब्लेड बनाने वाली दिग्गज कंपनी किंग कैंप जिलेट (King Camp Gillette) ने इस देशी पैटर्न को समझ लिया था. उस दौरान कंपनी लोहे का व्यापार करती थी. तभी इसके दिमाग में एक आइडिया आता है कि, क्यों ना एक ऐसा चीज बनाया जाए जिसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेकना पड़े. और यहीं से जिलेट को रेजर और ब्लेड बनाने का ख्याल दिमाग में आया.और कम्पनी ने इसपर जोर देना शुरू किया.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जिलेट 19 वीं सदी की इकलौती ऐसी कंपनी थी, जो ब्लेड बनाया करती थी. इस दौरान ब्लेड को रेजर पर बोल्ट के जरिए फिट करना पड़ता था, और ब्लेड इधर-उधर ना जाए इसके लिए रेजर में खास डिजाइन बनाया गया.

आपको जानकर यह हैरानी होगी कि 1904 में जिलेट कंपनी को ब्लेड और रेजर बनाकर करोड़ो का मुनाफा हुआ था. उस समय कंपनी ने करीब 90 हजार रेजर और 1 करोड़ 24 लाख ब्लेड बनाकर बेचा थे. कम्पनी के इस मुनाफे को देखते हुए बाकी कंपनियां भी इसमें अपना किस्मत आजमाने पहुंच गई. लेकिन उन्होंने इसके डिजाइन के कोई परिवर्तन नहीं किया. इसलिए आज भी ज्यादातर ब्लेड्स में यही डिजाइन देखने को मिलता है.

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