Site icon Bloggistan

Jobs in India: 3 लाख से ज्यादा इंजीनियरों को मिलेगी जॉब,IT नहीं इन सेक्टरों में होंगी ढ़ेरों नौकरियां

Engineering Jobs: दुनियाभर की कई नामी एमएनसी अब भारत में भी अपना प्लांट लगाने की तैयारी कर रही हैं। केंद्र सरकार की पॉलिसी, मेक इन इंडिया का प्रभाव और भारतीय इकोनॉमी की ताकत को देखते हुए दुनियाभर की कई दिग्गज एमएनसी अब भारत में ही अपना प्लांट लगाने जा रही हैं। टेस्ला समेत कई ग्लोबल कंपनियां इस विषय में अपने इरादे समय-समय पर जताती रहती हैं। अभी तक ज्यादातर आईटी और सर्विस सेक्टर से जुड़े काम ही भारत आते थे, लेकिन अब कई कंपनियां अपनी रिसर्च, डिजाईन और इंजीनियरिंग से जुड़े कामों को भी भारत में लाने लगी हैं। इसलिए देश के इंजीनियरों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए नया मौका मिलने वाला है।

3 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी

एक अनुमान के अनुसार, इन बदलावों के कारण अगले तीन से चार साल में देश में 3 लाख से भी ज्यादा इंजीनियरिंग नौकरियों के मौके होंगे। ये नौकरियां एविएशन, ऑटोमोबाइल, टायर, पार्ट्स मेकिंग और इलेक्ट्रिकल सेक्टर में आएंगी। इंजीनियरों की डिमांड में लगभग 40 फीसद उछाल आएगा। टियर-2 और 3 शहरों के इंजीनियरिंग कॉलेजों से भी फ्रेशर जाएंगे।

ये भी पढ़ें: घर से ही करनी है लाखों रुपए की कमाई, तो करें इस सब्जी की खेती, हमेशा पैसे से भरी रहेगी जेब

ग्रीन ट्रांसपोर्ट विकल्प की डिमांड से होगा फायदा

भारत में ग्रीन ट्रांसपोर्ट विकल्प को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इनमें डीजल वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देना, सोलर एनर्जी को बढ़ावा देना, फ्यूल में एथेनॉल और बायो गैस का मिश्रण करना आदि शामिल हैं। इसलिए पांच साल में ग्रीन एनर्जी सेक्टर से जुड़ी नौकरियां भी बढ़ने लगेंगी।

आईटी नहीं इन सेक्टरों में होंगी नौकरियां

मल्टी नेशनल कंपनियां भारत में अपने मैन्यूफैक्चरिंग सेंटरों को बढ़ाने में लग गई हैं। इसके चलते खूब नौकरियों के अवसर पैदा होने वाले हैं। खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर नौकरियां आईटी सेक्टर के बजाय मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरों के लिए होंगी। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ही इन नई जॉब को पैदा करेगा।

ऑटोमोबाइल और हार्डवेयर में अवसर ज्यादा

विशेषज्ञों की मानें तो मर्सेडीज बेंज, बॉश, मिशलीन, एबीबी, बोइंग, एयरबस, रेनॉ, फोक्सवेगन ग्रुप, स्नाइडर इलेक्ट्रिक, जॉन डिअर, कैटरपिलर, कोंटिनेंटल और कोलिंस एयरोस्पेस जैसी कंपनियां भारत में मजबूती से काम करेंगी, लेकिन नई तकनीक और ऑटोमेशन युवाओं के लिए नौकरी के रास्ते में बाधक बन रहे हैं। मगर, मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की यह बदलती तस्वीर बहुत उत्साहित करने वाली है। बैटरी मैनेजमेंट और हार्डवेयर क्षेत्र में भी कई नौकरियां के तमाम अवसर पैदा होंगें।

आपके लिए  – बिजनेस से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

Exit mobile version